डायबिटीज से पूर्ण छुटकारा अब संभव है
डॉक्टर अनूप मिश्रा
पुरानी सोच:
लंबे समय से ये माना जाता रहा है कि टाईप 2 डायबिटीज एक असाध्य, दीर्घकालिक स्थिति है जिसमें जीवनपर्यंत दवा और इंसुलिन का इस्तेमाल अनिवार्य है। पहले ये सोचा जाता था कि डायबिटीज से मुक्ति (अंग्रेजी में कहें तो डायबिटीज रिवर्सल), बीमारी की बिलकुल शुरुआती अवस्था को छोड़ दें तो, असंभव है और मरीज को जीवन भर इसकी दवा या इंसुलिन पर ही निर्भर रहना होगा।
नई सोच:
वर्तमान सबूत ये दिखाते हैं कि डायबिटीज की शुरुआती अवस्था में यदि वजन में प्रभावी कमी की जाए तो डायबिटीज से मुक्ति संभव है। इसे दो तरह के उपायों के जरिये हासिल किया जाता है और दोनों का लक्ष्य वजन में प्रभावी कमी करना ही है:
- बेहद कम कैलरी वाला भोजन
- बेरियट्रिक सर्जरी
कृपया ध्यान रखें कि इन दोनों में से भी बेरियेट्रिक सर्जरी से तेजी से नतीजे हासिल होते हैं और इससे कुछ सप्ताह में ही डायबिटीज से मुक्ति मिल सकती है। हालांकि अन्य सभी तरीके डायबिटीज छुड़ाने में समय लेते हैं और कुछ मरीजों में वजन पर नियंत्रण नहीं रख पाने की स्थिति में डायबिटीज कुछ समय बाद लौट आता है।
डायबिटीज से मुक्ति के लिए सही मरीज कौन हैं?
- मोटापे से ग्रस्त ऐसे मरीज जिनमें हाल में ही डायबिटीज का पता चला हो।
- ऐसे मरीज जो हर हाल में डायबिटीज से छुटकारा पाना चाहते हों क्योंकि यहां दिए गए कोई भी विकल्प को पालन करना कठिन है।
सबूत क्या हैं?
आहार से जुड़े अनुशासन या दवाओं का इस्तेमाल:
- वर्ष 2011 में टाईप 2 डायबिटीज के 11 मरीजों पर एक छोटा सा अध्ययन हुआ जिसमें 8 सप्ताह तक इन मरीजों के भोजन में कैलरी की मात्रा बहुत कम कर दी गई जिसके बाद उनकी स्थिति पलट गई। इसने इंसुलिन उत्पादित करने वाली कोशिकाओं को भी दोबारा सक्रिय कर दिया। कुछ अन्य अध्ययनों ने भी बिलकुल ऐसा ही परिणाम दिखाया। मगर ये सभी अध्ययन कड़ी निगरानी में किए गए थे। सवाल ये था कि क्या ये तरीका बिना किसी निगरानी के भी कारगर होगा।
- दिसंबर 2017 में मेडिकल जर्नल द लांसेट में प्रकाशित एक अध्ययन (द डायबिटीज रेमिसन क्लिनिकल ट्रायल (डाइरेक्ट)) ने पहली बार ये दिखाया कि समाज में रह रहे लोग भी डायबिटीज से छुटकारा पा सकते हैं।
- ये पाया गया कि ऐसा उपचार डायबिटीज के 6 वर्ष पुराने मरीजों पर भी कारगर हो सकता है।
- इससे ये भी पता चला कि वजन में प्रभावी कमी करने की इसमें अहम भूमिका है।
- हस्तक्षेप:
- लक्ष्य: वजन में 15 किलो तक कमी करना
- पहला चरण: 12-20 सप्ताह: बेहद कम कैलरी वाला भोजन और साथ में 30 मिनट तक व्यायाम
- दूसरा चरण: कैलरी की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाना और व्यायाम को भी धीरे-धीरे बढ़ाते जाना
- प्रबंधन का चरण: वजन की कमी को बनाए रखना और शारीरिक गतिविधि को 15 हजार कदम प्रतिदिन तक ले जाना
- ऐसे लोग जो 15 किलो या उससे अधिक वजन कम कर लेते हैं उनमें से 86 प्रतिशत लोगों में डायबिटीज खत्म हो जाता है
- हाल के डाटा दिखाते हैं कि करीब एक तिहाई मरीज दो वर्ष तक इस स्थिति को बनाकर रख लेते हैं
बेरियेट्रिक सर्जरी का इस्तेमाल
- बेरियेट्रिक सर्जरी शरीर का वजन 15 से 25 किलो तक कम कर सकती है और इस वजन के दोबारा बढ़ने की आशंका भी कम रहती है।
- टाईप 2 के बारे में हुए अन्य शोधों के मुकाबले भारत में हुआ एक अध्ययन ये दिखाता है कि बेरियेट्रिक सर्जरी में टाईप 2 डायबिटीज से लंबे समय तक छुटकारा दिलाने की ज्यादा क्षमता है।
- किसी भी दूसरे तरीके के मुकाबले बेरियेट्रिक सर्जरी में डायबिटीज से लंबे समय तक छुटकारा दिलाने की ज्यादा संभावना है।
किस तरह के मरीजों में डायबिटीज से मुक्ति संभव नहीं होती
- टाईप 1 डायबिटीज के मरीज
- बेहद दुबले पतले मरीज जिनका बीएमआई 18 kg/m2 से कम है
- ऐसे मरीज जिनमें 15 से 20 साल से डायबिटीज हो
- गर्भवती महिला
- अंगों की खराबी की गंभीर स्थिति वाले मरीज
- छोटे बच्चे
(डॉक्टर अनूप मिश्रा की किताब डायबिटीज विद डिलाइट से साभार)
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